Wednesday 6 July 2016

मुस्कान विश्‍वास के पहचान की



ले आया हूँ तीन रंग 
एक महंगा और दो सस्ते
कोई प्रतिभा कमाल की उनमे होगी 
बदल रहे रंग रस्ते रस्ते

एक रंग है विश्‍वास का 
किसी से न गलत की उस आस का 
चढ़ पहाड़ , उतरूं तराई 
हर मुश्किल का हल, तेरा साथ सा

दूसरा रंग, पहचान का 
दोस्त लगे या अंजान सा
मतलब मतलबी की तलब मतलबी
कर पहचान ले उभार जिंदगी 

तीसरा रंग उस मुस्कान का 
है विश्‍वास और पहचान का
रंग बिखेर चलते हैं चल 
ख़ूबसूरत होंगे कल के भी पल 

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