My Mosaic
Monday, 17 September 2018
आज भी वहीं हूँ
ज़मीन लाल है, गिरा नहीं मैं,
रण में हूँ अभी हरा नही मैं
याद है इतिहास मुझे सरहद का , तलवार का
तेज़ धार है , डरा नही मैं
धरती थी मेरी लड़ा वहीं मैं
गिरा वहीँ, और खड़ा वहीं मैं।
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